जा पेट,पीठ से चिपकी है, महीने बीते,फटी चादर देह से लिपटी है. यह देख,कहते हो गरीब हूँ मैं, पर,ताकीद कर दू तुम्हे, ए.सी. में रहने वाले, और,चार पहिये गाड़ी से, चलने वालो की; तक़दीर लिखी है मैंने, बताओ,वोट के, भिखमंगो को अपना सर्वस्व दे, कैसे गरीब हुआ मैं ????????
---------------------------- (चित्र गूगल से साभार )