कौन तुम?
मेरे मौन की अभिव्यक्ति,
मेरी सहज प्रकृति!!
कौन तुम?
मेरे चित्त की आवृति,
मेरे जीवन की आत्म-स्वीकृति!!
कौन तुम?
मेरी अवचेतन मनोवृति,
मेरे चेतना की काव्य-कृति!
कौन तुम?
मेरे निज की प्रेरणा शक्ति,
मेरे अंतस की आत्म-अनुभूति!!
कौन तुम?
मेरे ह्रदय की ब्रह्म-बाती,
मेरे जीवन की अखंड दीप-ज्योति!!
कौन तुम?
मेरे प्रेम-धारणा की आसक्ति ,
मेरे बुद्धत्व की अनासक्ति!!
कौन तुम?
मेरे अंतर्मन की लौकिक प्रीति,
मेरे रक्त-कण से प्रस्फुटित अलौकिक प्रेम की परिणिती!!
कौन तुम?
प्रकृति प्रदत्त मेरी आत्मज शक्ति,
या अनुरुक्ति की धरा पर अवतरित परा -शक्ति!!
================================================
" कौन तुम......इतना कुछ जानने के बाद,समझने के बाद भी मेरे लिए रहस्य बनी हो..तुम कही मेरे ह्रदय में रची-बसी हो ,मैं तुमसे कभी विरत न रहा...बावजूद इसके जो रहस्य का आवरण तुम्हारे ऊपर है..मेरे समझ से परे है..मैं इसी गुत्थी को सुलझाने की कोशिश में जुटा हूँ..तब शायद तुम भी मुझे अपने करीब पाओगी ....इसी उम्मीद में..."---रोहित ..
8 टिप्पणियाँ:
हर शब्द हर पंक्ति गहन भावो को समेटे हुए है....
किसी को जानना और यसका रहस्य जानता इतना आसान नहीं होता ... कभी कभी तो जीवन लग जाता है ...
खूबसूरत पंक्तियाँ हैं ...
tum ho..
to shbd hain ...
tum ho
to abhivyakti hai
tum ho
to bhav hain
kya tum meri kavita nahin .....??
सुन्दर प्रस्तुति... बहुत बहुत बधाई...
Good Post
dcryptonews
interesting information
brandswon
Excellent composition Find
Thanks for sharing post and Useful Information.
NOC for vehicle(Car/Bike) from Mumbai
Online NOC for Bike/ Car in Pune
एक टिप्पणी भेजें