रविवार, 28 फ़रवरी 2010

इस बार होली में...


होली का त्यौहार है जो आया,
अपने संग विविध रंग समेटे;
उसमें अपने प्रेम का ,
गाढ़ा रंग मिलाना तो,प्रिये ।


हो उठे दिल के तार झंकृत ,
रंगोत्सव के इस बेला में;
ऐसा ही कोई फागुन-गीत ,
गा-गा मेरे संग झुमना तो,प्रिये ।


रंगों ने रंगों के संग मिल,
जैसे अपने अस्तित्व मिटाए;
वैसे ही सब से मिल गले,
अपने-पराये का भेद मिटाना तो,प्रिये ।


फाग का रंग है जो शबाब पर पुरे,
मिटा राग-द्वेष ,खोल कपाट अपने दिल के;
खुद भी जीवन रंग में रंग,
इस बार होली में,मुझे भी रंगना,प्रिये ।

------------------------------------------------
आइये,इस बार होली में
हम जीवन के विविध रंगों में रंग जाएँ.....
साथ ही आपसी राग-द्वेष मिटाकर,
जीवन-पथ पर बढ़ने को उद्धत हो......

होली की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ-
रोहित.....





6 टिप्पणियाँ:

रश्मि प्रभा... ने कहा…

pyaar bhare rangon ko samete hue ehsaas

शशांक शुक्ला ने कहा…

आपको भी होली की शुभकामनायें

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

होली पर बहुत भावपूर्ण गीत लिखा है....देर से ही सही....होली की शुभकामनायें

अनिल कान्त ने कहा…

good one !

shama ने कहा…

Behad sundar rachana!

गीतिका वेदिका ने कहा…

good one!! happy holy!! nice blog....wishes....keep writing!!

एक टिप्पणी भेजें


Click here for Myspace Layouts